मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की मंशानुरूप आमजनों की समस्याओं का प्राथमिकता के साथ किया जा रहा समाधान

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की मंशानुरूप आमजनों की समस्याओं का प्राथमिकता के साथ किया जा रहा समाधान

मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय के निर्देश पर ग्राम कुहापानी में बदला गया ट्रासंफार्मर और ग्राम पंचायत पगुराबहार में बदला गया ट्रांसफार्मर के साथ बिजली तार
विद्युत व्यवस्था की त्वरित बहाली पर ग्रामीणों ने प्रसन्नता जाहिर की, मुख्यमंत्री के प्रति किया आभार व्यक्त

रायपुर। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की मंशानुरूप सुशासन का एक बेहतर मॉडल पेश करते हुए आमजनों की समस्याओं का प्राथमिकता के आधार पर त्वरित निराकरण किया जा रहा है। लोगों की मूल प्राथमिकताओं में से एक बिजली की व्यवस्था शहरी इलाकों के साथ ही ग्रामीण अंचलों में निर्बाध रूप से संचालित हो इसके लिए विद्युत विभाग दिन हो या रात प्राथमिकता के साथ कार्य कर रही है।

इसी कड़ी में जशपुर जिले के नारायणपुर डिस्ट्रीब्यूशन केन्द्र के अंतर्गत ग्राम कुहापानी एवं चराईमारा में ट्रासंफार्मर खराब होने की समस्या को लेकर ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय, बगिया में आवेदन किया। कैंप कार्यालय के निर्देश पर विद्युत विभाग द्वारा त्वरित कार्रवाई करते हए आज कुहापानी का ट्रासंफार्मर बदल दिया गया है। विभाग के अधिकारियों ने बताया कि चराईमारा का ट्रासंफार्मर कल बदल दिया जाएगा। इसी तरह से तहसील फरसाबहार के अंतर्गत ग्राम पंचायत पगुराबहार (सरईटोली) के निवासियों ने ट्रांसफार्मर के खराब होने एवं बिजली का तार पोल से गिर जाने से विद्युत सप्लाई में अवरोध की समस्या को लेकर मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय में आवेदन किया। कैंप कार्यालय के निर्देश पर विद्युत विभाग द्वारा इस पर त्वरित कार्रवाई करते हुए आज वहां पर 25 केव्ही का ट्रांसफार्मर और केबल लगा दिया गया है। ग्रामीणों ने विद्युत व्यवस्था की त्वरित बहाली पर प्रसन्नता जाहिर करते हुए मुख्यमंत्री श्री साय के प्रति आभार व्यक्त किया है।

उल्लेखनीय है की विद्युत विभाग द्वारा जशपुर जिले में 16 से 22 अगस्त तक लगभग 20 स्थलों में ट्रांसफॉर्मर, केबल और ग्रिप चेंज का कार्य किया गया। इनमें मनोरा विकासखण्ड के अंधल, पटिया, अधरझर, धौनापाठ और कुनकुरी तथा जशपुर विकासखण्ड के कोमड़ो, कदमकछार, झोलंगा, हरीजनपारा, कुहापानी, बघला, खुटीटोली, घारेन, दुलदुला अम्बाटोली, बेहराखार, पगुरा, चराईमरा और ढोढ़ीबहार शामिल हैं।

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