बहादुर बहनों का साहस और संघर्ष प्रेरणास्पद : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

बहादुर बहनों का साहस और संघर्ष प्रेरणास्पद : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

मुख्यमंत्री ने भेड़िए से संघर्ष करने वाली साहसी श्रीमती भुजलो बाई को स्वीकृत किए 1 लाख रूपए
आवश्यक होने पर श्रीमती भुजलो बाई को एयरलिफ्ट कर भोपाल में कराया जाएगा इलाज
छिंदवाड़ा के ग्राम खकरा चौरई में भेड़िए ने किया था महिलाओं पर हमला

भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने छिंदवाड़ा जिले के खकराचौरई गांव में भेड़िए का साहस से सामना करने वाली श्रीमती भुजलो बाई से वीडियो कॉल कर उनकी कुशलक्षेम पूछी। मुख्यमंत्री ने भुजलो बाई के साहस की सराहना करते हुए उन्हें मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान से एक लाख रूपए भी स्वीकृत किए।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि बहादुर बहनों का साहस और संघर्ष प्रेरणास्पद है। श्रीमती भुजलो बाई के उचित इलाज के लिए कलेक्टर छिंदवाड़ा को निर्देशित किया गया है कि आवश्यक होने पर एयरलिफ्ट कर भोपाल में उपचार कराया जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने पीड़िता के परिजन से भी हाल-चाल जाने, साथ ही इलाज का पूरा खर्चा उठाने का भरोसा दिलाया। उन्होंने कहा कि वे शीघ्र पूर्णतः स्वस्थ हों, ईश्वर से यही प्रार्थना है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने भोपाल से कोटा रवाना होने से पहले मुख्यमंत्री निवास से श्रीमती भुजलो बाई से वीडियो कॉल कर चर्चा की।

उल्लेखनीय है की फसल की रखवाली के दौरान शुक्रवार की सुबह छिंदवाड़ा जिले के अमरवाड़ा रेंज के अंतर्गत खकरा चौरई गांव के पास खेत में 65 वर्षीय भुजलो बाई और 55 वर्षीय दुर्गाबाई सो रही थीं, तभी श्रीमती भुजलो बाई पर भेड़िए ने हमला किया और उनके एक हाथ का अंगूठा चबा लिया। चिल्लाने की आवाज आई तो दुर्गाबाई, भुजलो को बचाने पहुंची। भेड़िए ने भुजलो बाई के हाथ और सिर पर चोट पहुंचाई। आधे घंटे तक महिलाओं और भेड़िए के बीच संघर्ष चलता रहा। इसके बाद साहसी भुजलो ने पास रखे फावड़े से वार कर भेड़िए का अंत कर दिया। भेड़िए के हमले से घायल दोनों महिलाओं को जिला अस्पताल छिंदवाड़ा में भर्ती कराया गया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव को बताया गया कि श्रीमती दुर्गाबाई का उपचार पूर्ण होने पर उन्हें जिला अस्पताल छिंदवाड़ा से डिस्चार्ज किया जा चुका है।

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