नए थर्मल पॉवर स्टेशन की स्थापना से प्रदेश में औद्योगिक विकास को मिलेगा सुपर पॉवर : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

नए थर्मल पॉवर स्टेशन की स्थापना से प्रदेश में औद्योगिक विकास को मिलेगा सुपर पॉवर : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

प्रधानमंत्री श्री मोदी ने दी 4100 मेगावॉट बिजली की उपलब्धता के लिए कोल आवंटन की स्वीकृति

भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि मध्यप्रदेश में औद्योगिक विकास को गति देने के लिए नए थर्मल पॉवर स्टेशन की स्थापना की जाएगी। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कोल आधारित विद्युत उत्पादन के लिए कोल आवंटन के लिए स्वीकृतिप्रदान की है। इससे 4100 मेगावॉट विद्युत उत्पादन के लिए थर्मल पॉवर स्टेशन की स्थापना की जाएगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रधानमंत्री श्री मोदी को धन्यवाद देते हुए कहा कि उन्होंने सभी विभागों को प्रगति के अवसर दिये हैं। वे जानते हैं कि बिजली के बिनाविकास की कल्पना संभव नहीं है। यह एक बड़ा अवसर है, जिससे हम प्रदेश में ही स्वयं के पॉवर प्लांट लगा सकते हैं।

कोल आवंटन करेगा संजीवनी का काम

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि विद्युत उत्पादन के क्षेत्र में हम आज भी सरप्लस की स्थिति में हैं, परंतु औद्योगिक विकास के लिए नए उद्योगों की स्थापना के परिणामस्वरूप बिजली की खपत में भी निरंतर वृद्धि होती जा रही है। भविष्य की दृष्टि से भी हमें नए थर्मल पॉवर स्टेशन की आवश्यकता होगी। यह कोल आवंटन उसमें संजीवनी की तरह काम करेगा। हम थर्मल पॉवर के नए स्टेशन की स्थापना के लिए उद्यमियों को प्रेरित करेंगे। मुख्यमंत्री डा. यादव ने कहा कि साथ ही राज्य नवकरणीय ऊर्जा की ओर भी समान रूप से आगे बढ़ रहा है।

25 हजार करोड़ रूपये का प्राप्त होगा निवेश

उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश की आगामी लंबी अवधि की विद्युत मांग के आंकलन के आधार पर 27 नवम्बर को भारत सरकार की उच्च स्तरीय अंतर्विभागीय समिति द्वारा प्रदेश के ऊर्जा विभाग के प्रस्तुतिकरण के आधार पर कुल 4100 मेगावॉट के नए थर्मल पॉवर प्लांट लगाने के लिये कोयला आवंटन स्वीकृत किया गया है। इस संबंध में संयंत्र लगाने के लिये प्रदेश के ऊर्जा विभाग द्वारा निविदा जारी की जायेगी। इससे लगभग 25 हजार करोड़ रुपये का निवेश प्राप्त होगा। साथ ही हजारों युवाओं को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर मिलेंगे। प्रदेश उद्योग, घरेलू एवं कृषि सिंचाई के लिये सस्ती और गुणवत्तापूर्ण ऊर्जा प्रदाय करेगा और ऊर्जा उत्पादन में आत्म-निर्भर बना रहेगा।

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