महाकुंभ 2025: पंचदशनाम जूना अखाड़े ने शुरू की पंचकोसीय परिक्रमा

महाकुंभ 2025: पंचदशनाम जूना अखाड़े ने शुरू की पंचकोसीय परिक्रमा

प्रयागराज। महाकुंभ 2025 में पंचदशनाम जूना अखाड़ा ने अपनी परंपरा का निर्वाह करते हुए पांच दिवसीय पंचकोसी परिक्रमा की शुरुआत की। सोमवार को अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार जूना अखाड़े के अध्यक्ष हरि गिरी के नेत़ृत्व में अखाड़े के साधु, संतों ने गंगा पूजन कर पंच कोसीय परिक्रमा की शुरुआत की। यात्रा की शुरुआत संगम तट से हुई, साधुओं पहले अक्षय वट के दर्शन, सरस्वती कूप के दर्शन और फिर लेटे हुए हनुमान जी के दर्शन किए।

इसके बाद ईष्ट देव भगवान दत्तात्रेय और मंदिर में स्थित शिवदत्त महाराज की समाधि के दर्शन किए गए। फिर रामघाट से होते हुए अखाड़ा त्रिवेणी मार्ग से यमुना तट पर स्थित मौजगिरी आश्रम पहुंची, यहां ईष्टदेव के पूजन करने के बाद सिद्धपीठ ललिता देवी और कल्याणी देवी के दर्शन किए। वहां से वनखंडी महादेव, कृष्णा नगर के रामजानकी मंदिर में पूजन कर दत्तात्रेय शिविर में विश्राम किए।

यात्रा का अगला पड़ाव शूल टंकेश्वर महादेव, आदि माधव, चक्रमाधवों के दर्शन के लिए जाएगा। इसके साथ ही परंपरा अनुरूप यात्रा द्वादश माधवों और द्वादश महादेवों के दर्शन करेगी। इसके बाद संतों दुर्वासा ऋषि, पनास ऋषि की तपोस्थलियों से होते हुए, शक्तिधाम ज्वाला देवी, समुद्र कूप और कल्पवृक्ष का दर्शन को जाएगी।

पंचकोसीय परिक्रमा कष्ट हरण हनुमान जी, सुजावन देव, पडिला महादेव होते हुए श्रृंगवेरपुर में सीता कुण्ड और निषादराज स्थली जाएंगी। चौथे दिन नाग वासुकी, वेणी माधव का दर्शन कर अलोप शंकरी देवी की पूजा की जाएगी। वहीं, पांचवें व अंतिम दिन में यह यात्रा भारद्वाज ऋषि की प्रतिमा का जलाभिषेक कर, भारद्वाजेश्वर महादेव की पूजा करेगी।

यह पंचकोसीय परिक्रमा पूरे पांच दिन चल कर प्रयागराज के सभी मुख्य तीर्थों का दर्शन पूजन करते हुए 24 जनवरी को सम्पन्न होगी। पंच कोसीय परिक्रमा का समापन विशाल भण्डारे के साथ होगा। जिसमें अखाड़े के सभी नागा संन्यासियों के साथ मण्डलेश्वर, महामण्डलेश्वर और आम श्रद्धालुओं का भण्डारा होगा।

 

Comments

No comments yet. Why don’t you start the discussion?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *