रातोंरात तो विचारधारा नहीं बदल सकता, भाजपा को भी समझना होगा: अशोक चव्हाण…

रातोंरात तो विचारधारा नहीं बदल सकता, भाजपा को भी समझना होगा: अशोक चव्हाण…

कांग्रेस से दो पीढ़ियों का रिश्ता तोड़कर भाजपा में आए अशोक चव्हाण ने खुलकर कहा है कि उनकी विचारधारा रातोंरात नहीं बदलेगी।

उन्होंने हिन्दुस्तान टाइम्स को दिए इंटरव्यू में कहा कि मैं जानता हूं कि रातोंरात अपनी विचारधारा को बदल लेना संभव नहीं है। मैं भाजपा की विचारधारा को समझूंगा।

इसके अलावा यह भी ध्यान देने की बात है कि मैं हर चीज से सहमत ही रहूं, यह जरूरी नहीं है। मुझे उन चीजों के बारे में समझने के लिए समय चाहिए।

इसके अलावा हमें यह भी देखना होगा कि वक्त की जरूरत क्या है। सेकुलरिज्म से ज्यादा अहम यह है कि हम एक देश के तौर पर भविष्य के लिए कैसे तैयार हैं। 

उन्होंने विचारधारा के सवाल को पीएम नरेंद्र मोदी से जोड़ते हुए कहा कि वह जो कर रहे हैं, वह पूरी दुनिया को ही दिख रहा है। आप देश का मूड देखिए। जनादेश उनके साथ है क्योंकि वह सही चीजें कर रहे हैं। यही नहीं उन्होंने कांग्रेस छोड़ने के फैसले पर भी कहा कि यहल अचानक नहीं हुआ है। मैं बीते काफी दिनों से देख रहा था कि कैसे चीजों को रोका जा रहा है। 

लोकसभा चुनाव सिर पर है और कांग्रेस की तैयारी ही नहीं थी। ऐसी स्थिति में मैंने अपना वक्त बर्बाद करने की बजाय सही विकल्प ही चुनने का फैसला लिया। मुझे राष्ट्रीय स्तर पर काम करने का मौका भी मिला। 

अशोक चव्हाण ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शानदार काम कर रहे हैं। दूसरी तरफ विपक्ष कमजोर है।

यह पूछे जाने पर कि क्या केंद्रीय एजेंसियों के दबाव में आपने कांग्रेस छोड़ी है? उन्होंने कहा कि यह झूठ है। कांग्रेस के लोगों को मुझ पर ऐसे आरोप लगाने की बजाय खुद का विश्लेषण करना चाहिए।

सोचना चाहिए कि आखिर पार्टी इस लेवल तक कैसे पहुंच गई। अब जहां तक आदर्श हाउसिंग घोटाले की बात है तो फिलहाल मेरे ऊपर कोई केस नहीं चल रहा है। 
 
‘कांग्रेसी तो खुश ही होंगे कि चलो कंपीटिशन कम हो गया’

उन्होंने कहा कि मैं तो पहले भी कह चुका हूं कि एक राजनीतिक हादसा था। मुझे इससे काफी जूझना पड़ा। राजनीतिक तौर पर यह मुद्दा तैयार किया गया था।

यह सब तब हुआ, जब केंद्र और राज्य दोनों ही जगह कांग्रेस थी। क्या वह किसी खास व्यक्ति पर सवाल उठा रहे हैं? इस पर अशोक चव्हाण ने कहा कि मैं किसी की आलोचना करने में यकीन नहीं रखता।

हालांकि कांग्रेस में कुछ लोग खुश होंगे कि अब उनके लिए कंपीटिशन कम हो गया है।

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