पीएम मोदी ने ऋषि सुनक को लगाया टेलीफोन, रणनीतिक साझेदारी मजबूत करने समेत किन मुद्दों पर हुई बात…

पीएम मोदी ने ऋषि सुनक को लगाया टेलीफोन, रणनीतिक साझेदारी मजबूत करने समेत किन मुद्दों पर हुई बात…

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक से टेलीफोन पर मंगलवार को बातचीत की।

उन्होंने सोशल मीडिया मंच एक्स पर एक पोस्ट के जरिए खुद यह जानकारी दी। पीएम मोदी ने बताया कि दोनों देशों के बीच व्यापक रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने पर चर्चा हुई।

प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया, ‘ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक के साथ अच्छी बातचीत हुई। हमने द्विपक्षीय व्यापक रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने पर चर्चा की। साथ ही पारस्परिक रूप से लाभप्रद मुक्त व्यापार समझौते के शीघ्र समापन के लिए काम करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।’

मालूम हो कि ब्रिटिश पीएम भारतीय मूल के हैं। कुछ दिनों पहले उन्होंने बताया था कि उन्हें बचपन में नस्लवाद का सामना करना पड़ा।

उन्होंने कहा कि उनके माता-पिता ने उन्हें नाटक की अतिरिक्त कक्षा के लिए भेजा, ताकि वह अन्य बच्चों की तरह अच्छी तरह से बोल सकें।

2022 में सुनक ने इतिहास रच दिया, जब दिवाली के दिन सत्ताधारी कंजर्वेटिव पार्टी का नया नेता चुने जाने के बाद महाराजा चार्ल्स तृतीय ने उन्हें भारतीय मूल के पहले व्यक्ति के रूप में ब्रिटेन का प्रधानमंत्री नियुक्त किया।

हिंदू धर्म के अनुयायी 43 वर्षीय सुनक 210 वर्षों में सबसे कम उम्र के ब्रिटिश प्रधानमंत्री हैं। वह ब्रिटेन में भारतीय मूल के पहले हिंदू प्रधानमंत्री भी हैं।

उन्होंने बताया कि उनके माता-पिता इसके प्रति दृढ़ थे कि उन्हें और अन्य बच्चों के अनुरूप ढलना चाहिए और अच्छी तरह बोलना चाहिए। 

लंदन में चलो इंडिया अभियान की शुरुआत 
ब्रिटेन के लंदन में भारतीय उच्चायोग ने 2 प्रमुख अभियानों ‘चलो इंडिया’ और ‘लिविंग ब्रिज’ की शुरुआत की है।

चलो इंडिया अभियान पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए है जबकि लिविंग ब्रिज अभियान ब्रिटेन में भारतीय मूल के लोगों के योगदान का जश्न मनाने के लिए है।

चलो इंडिया ग्लोबल डायस्पोरा अभियान की घोषणा प्रधानमंत्री मोदी ने इस सप्ताह की शुरुआत में श्रीनगर में की थी, ताकि भारतीय समुदाय के लोगों को अपने गैर-भारतीय मित्रों को भारत में पर्यटन स्थलों की यात्रा के लिए प्रोत्साहित किया जा सके।

इस मौके पर ब्रिटेन में भारत के उच्चायुक्त विक्रम दुरईस्वामी ने इंडिया हाउस में अपने संबोधन में कहा, ‘मुझे लगता है कि वास्तव में यह आपके लिए एक राजदूत बनने और उसका जश्न मनाने का अवसर है।’

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