अप्रैल में भीषण गर्मी से हुआ बुरा हाल, 47 डिग्री तक गया पारा; लू के थपेड़ों से राहत कब तक…

अप्रैल में भीषण गर्मी से हुआ बुरा हाल, 47 डिग्री तक गया पारा; लू के थपेड़ों से राहत कब तक…

Heat Wave Alert: मई महीने की शुरुआत हो चुकी है और फिलहाल मौसम विभाग ने आगामी दिनों के लिए कोई राहत की खबर नहीं दी है।

मौसम विभाग ने देशभर में अप्रैल महीने में पड़ी भीषण गर्मी के आंकड़े जारी कर दिए हैं। अप्रैल ने गर्मी के 100 साल से भी अधिक पुराने रिकॉर्ड तोड़े।

भीषण गर्मी ने देश के पूर्वी और प्रायद्वीपीय हिस्सों को बुरी तरह झुलसाया।

मुश्किल इसलिए भी है क्योंकि इस साल लोकसभा चुनाव के लिए देश के सभी हिस्सों में मतदान किया जाना है। अभी दो चरणों के लिए मतदान हुआ है और पांच चरण अभी बाकी है।

आगामी 7 मई को तीसरे चरण का मतदान किया जाएगा। 7 मई को देश के जिन हिस्सों में मतदान होना है, वहां भी मौसम विभाग ने अत्यधिक गर्मी और लू के थपेड़ों से सावधान रहने की चेतावनी दी है।

इस साल अप्रैल में भारत के पूर्वी और प्रायद्वीपीय हिस्सों ने तापमान के नए रिकॉर्ड बनाए। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि देश के बड़े हिस्से में इस महीने भीषण गर्मी जलवायु संकट के कारण पड़ी।

मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक, रिकॉर्ड के मुताबिक, 1901 के बाद से इस साल अप्रैल महीने में रातें ज्यादा गर्म रही। जिन हिस्सों में अत्यधिक गर्मी पड़ी वे देश के पूर्वी और उत्तरपूर्वी हिस्से हैं। 

किस वजह से पड़ी इतनी गर्मी
मौसम कार्यालय में जलवायु निगरानी के प्रमुख ओपी श्रीजीत का कहना है, “कुछ राज्यों में इतने असामान्य रूप से उच्च तापमान का एक मुख्य कारण अल नीनो और जलवायु परिवर्तन है।

दुर्भाग्य से, हमारे पास अभी तक गर्मी से होने वाली मौतों का कोई डेटा नहीं है। गर्मी से होने वाली मौतों को मुख्य रूप से दर्ज नहीं किया जाता है क्योंकि व्यक्ति अक्सर अंग विफलता जैसी अन्य जटिलताओं से मर जाता है। हम बस इतना कह सकते हैं कि इस साल अप्रैल महीने  में तापमान अत्यधिक रहा है।”

दिल्ली और उत्तर पश्चिम में कैसा रहा मौसम
इसके उलट अप्रैल में दिल्ली सहित उत्तर-पश्चिम में हल्का मौसम देखा गया। इसकी वजह है- पश्चिमी विक्षोभ के कारण तापमान काबू में रहा।

भारत मौसम विज्ञान विभाग के एक विश्लेषण से पता चला है कि यह देश के लिए अब तक का नौवां सबसे गर्म अप्रैल महीना था।

कब-कब पड़ी इतनी गर्मी
मौसम विभाग के मुताबिक, 1901 के बाद से प्रायद्वीपीय भारत में सबसे गर्म अप्रैल महीना 2016 में दर्ज किया गया था, जो अल नीनो के कारण था।

अल नीनो उष्णकटिबंधीय प्रशांत महासागर में एक मौसम की घटना है जिसके कारण भारत में कमजोर मॉनसून और शुष्क मौसम होता है।

अप्रैल महीने के आखिरी दिन 47 डिग्री पार गया पारा
मंगलवार 30 अप्रैल को गंगीय पश्चिम बंगाल के लगभग सभी स्थानों पर भीषण गर्मी दर्ज की गई। पश्चिम बंगाल के पानागढ़ में तापमान 45.6 डिग्री सेल्सियस, जो सामान्य से 10 डिग्री अधिक है।

वहीं, कलाईकुंडा में 47.2 डिग्री, झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले के बहरागोड़ा में अधिकतम तापमान 47.1 डिग्री तक रिकॉर्ड किया गया।

वहीं, आंध्र प्रदेश के अनंतपुर में तापमान 44.6 डिग्री दर्ज किया गया, जो अब तक का सबसे अधिक तापमान है। आरोग्यवरम में 41 डिग्री, पश्चिम बंगाल के आसनसोल में तापमान 44.2 डिग्री दर्ज किया गया।

उदगमंडलम में तापमान 29.4 डिग्री दर्ज किया गया, जो सबसे अधिक है।

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