सट्टा ऐप गिरोह के दो आरोपित समेत धोखाधड़ी में शामिल इंडसइंड बैंक के प्रबंधक और कर्नाटका बैंक के कर्मचारी गिरफ्तार

सट्टा ऐप गिरोह के दो आरोपित समेत धोखाधड़ी में शामिल इंडसइंड बैंक के प्रबंधक और कर्नाटका बैंक के कर्मचारी गिरफ्तार

रायगढ़

रायगढ़ पुलिस ने ग्रामीणों को गुमराह कर उनके बैंक अकाउंट का आपराधिक दुरुपयोग करने वाले महादेव सट्टा ऐप और लोटस ऐप से जुड़े दो सदस्यों और उनका साथ देने वाले इंडसइंड बैंक प्रबंधक और कर्नाटका बैंक के कर्मचारी को गिरफ्तार किया है. पुलिस इन आरोपियों द्वारा खुलवाये गये खाता धारकों के खाता किट की जब्ती कर आगे की जांच की जा रही है.

जानकारी के मुताबिक, थाना जूटमिल अंतर्गत सराईभद्दर के रहने वाले जीवनलाल साहू का करीब 07-08 माह पूर्व उसके परिचित गांधी नगर जूटमिल में रहने वाले अरूण रात्रे द्वारा शासकीय योजनाओं का लाभ दिलाने के नाम पर इंडसइंड बैंक रायगढ़ में खाता खुलवाया था. जीवन साहू को उसके खाते में कभी रकम लेन-देन होने की जानकारी मोबाईल मैसेज और ई-मेल पर मिलने पर खाता खोलने वाले बैंक मैनेजर दिनेश यादव से मिला जो अपनी व्यस्तता बताकर बैंक से लौटा देते थे. इसी दौरान जीवन साहू को जानकारी मिली कि अरूण रात्रे सराईभद्दर और आसपास के कई लोगों का खाता खुलवाया है. जब जीवन साहू ने अरूण से पूछताछ की तो अरूण भी उन्हें गुमराह करने लगा. इसके बाद जीवन साहू ने पुलिस में शिकायत की. जिसके बाद पुलिस ने आरोपी सुनील साहू, अरूण रात्रे, इंडसइंड बैंक के ऑपरेशन मैनेजर दिनेश यादव और कर्नाटका बैंक के सेल्स एसोसिएट दीपक गुप्ता को गिरफ्तार किया.

बैंक खाते खुलवाने के एवज में मिलता था कमीशन

आरोपी सुनील साहू का संपर्क महादेव और लोटस सट्टा गिरोह के साथ हुआ जिन्होंने उसे बैंक खाते खुलवाने के एवज में 15,000 से 20,000 रुपये देने की बात कही. सुनील ने अपने परिचित अरुण रात्रे को भी इस काम में शामिल कर लिया. दोनों ने मिलकर इंडसइंड बैंक के ऑपरेशन मैनेजर दिनेश यादव और कर्नाटका बैंक के सेल्स एसोसिएट दीपक गुप्ता को खातों के खुलवाने के लिए कमीशन दिया. इसके बाद बैंक अफसर भी इस ठगी में शामिल हो गए.

मामले में पुलिस आरोपियों द्वारा खुलवाये गए उन बैंक खातों को होल्ड करवाने में जुट गई है, जिनमें लाखों रुपये के ट्रांजेक्शन की जानकारी मिली है. पुलिस अधीक्षक दिव्यांग कुमार पटेल ने नगर पुलिस अधीक्षक, साइबर सेल एवं थाना जूटमिल को मामले की बारीकी से जांच के निर्देश दिए हैं ताकि इस प्रकार के फर्जी खाता खुलवाने वालों का पता लगाया जा सके. अब तक की जांच में पुलिस को 50 से अधिक ऐसे और खाते मिले हैं जिनके ट्रांजेक्शन संदिग्ध हैं. इस मामले में और भी लोगो की गिरफ्तारी हो सकती है.

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